डेउडा : ‘निकी’

बान्नीकि चैतोली निकी, दे माणुँ जात निकी
पुन्युकी चन्द्रमा निकी, जुनेली रात निकि

आगन फूलभाडी निकी, ताल निकी माछी
मनकी रहड निकी, जोवनकी बात निकी।।

फुलेकी सयपत्री निकी, डुलेकी भमरी
मायालुकी बोली निकी, जन्मेकी थात् निकी।।

औंलामा अङौठी निकी, कम्मर लङौठी
पराइका बचन भन्ना, आफ्नाकी घात निकी।।

मन्दिरकी घण्टी निकी, नाक निकी फुली
चेलीलाई मैतोली निकी, इजुकी खाँत निकी।।

कन्नँमा पटुकी निकी, कान निकी बाली
गुरुकी रन्कट निकी, बाबाकी धाँत निकी।।

 

लेखक नाम : धर्म राज जोशी ठेगाना : धनगढी ,कैलाली पेशा: शिक्षक नेपाल राहात शिक्षक सुदुर पश्चिम प्रदेश समिति सचिव तथा प्रचारप्रसार समिति संयोजक (प्रबक्ता )

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